लघु उत्तरीय प्रश्न
1. उपनिवेशवाद को स्पष्ट कीजिए |
उत्तर – उपनिवेशवाद एक ऐसी राजनीतिक और आर्थिक प्रणाली है जिसमें उपनिवेशों का आर्थिक शोषण किया गया |
2. विश्व बाजार से आप क्या समझते हैं ? इसका उदय और विकास कैसे हुआ ? अथवा, विश्व बाजार के स्वरूप को स्पष्ट करें |
उत्तर – विश्व बाजार का अर्थ वैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार से है जहाँ विश्व के विभिन्न देशों के व्यापारी सामानों की खरीद-बिक्री करते हैं | आधुनिक यूरोप में भौगोलिक खोजों, पुनर्जागरण, राष्ट्रिय राज्यों के उदय एवं वनिज्यवाद की उत्पत्ति के बाद विश्व बाजार का तेजी से विकास हुआ | औद्योगिक क्रांति ने विश्व बाजार का विस्तार किया | विश्व बाजार का स्वरूप औद्योगिक क्रांति के बाद ही उभरा |
3. औद्योगिक क्रांति ने वश्व बाजार के स्वरूप का विस्तार कैसे किया ?
उत्तर – विश्व बाजार के स्वरूप को विकसित करने में औद्योगिक क्रांति की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी | कारखानों के लिए कच्चा माल उपलब्ध करने तथा उत्पादित वस्तुओं के लिए बाजार उपलब्ध कराने का काम विश्व बाजार ने किया | इस प्रक्रिया में उपनिवेशवाद ने पहत्त्वपूर्ण योगदान किया | साथ ही, व्यापार, पूँजी के प्रवाह और श्रमिकों के पलायन ने भी विश्व बाजार के विस्तार में सहयोग दिया |
4. विश्व बाजार के लाभ-हानि पर संक्षिप्त टिपण्णी लिखें |
उत्तर – विश्व बाजार के लाभ –
- सभी वर्गों के हितों की सुरक्षा करता है |
- व्यापार और उद्योग को तीव्र गति मिली |
- बैंकिंग और बिमा व्यवस्था का उदय हुआ |
- उपनिवेशों में औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण हुआ, जैसे भारत में |
- कृषि क्षेत्र में परिवर्तन आया |
- शहरीकरण और जनसंख्या में वृद्धि हुई |
हानियाँ –
- एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद का युग आरंभ हुआ |
- गरीबी, अकाल और भुखमरी बढ़ गई |
- उग्र राष्ट्रवाद का विकास हुआ |
5. भुमंडलिकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका का उल्लेख करें |
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है | भारत जैसे देशों में बेरोजगारी समाप्त करने तथा सरकारी नौकरियों पर दबाव कम करने में इनकी अग्रणी भूमिका है | इन कंपनियों द्वारा विश्व अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण हो गया है |