प्रतिलोम फलन ( Inverse function ) : यदि फलन f : A → B एकैकी आच्छादक है तो f-1 : B → A जो y ∈ B को एक अद्वितीय x ∈ A से संबंध कराता हैं, f का प्रतिलोम फलन कहलाता है |
f : A → B ⇒ f ( x ) = y ⇔ f-1 ( y ) = x
अर्थात् f : A → B ⇒ f-1 : B → A
dom ( f-1 ) = range ( f )
range ( f-1 ) = dom ( f )
त्रिकोणमितीय फलन ( Trigonometric function )
फलन
प्रांत
परिसर
(i) sin x
R
[ -1, 1 ]
(ii) cos x
R
[ -1, 1 ]
(iii) tan x
R – ( 2n + 1 ) , n ∈ z
R
(iv) cot x
R – nπ, n ∈ z
R
(v) sec x
R – ( 2n + 1 ) , n ∈ z
R – [ -1, 1 ]
(vi) cosec x
R – nπ, n ∈ z
R – [ -1, 1 ]
कोई भी त्रिकोणमितीय फलन एकैकी आच्छादक नहीं होता है अत: इन्हें फलने इनके प्रांत में परिवर्तन कर एकैकी आच्छादक बनाना होगा, ताकि इनका प्रतिलोम का अस्तित्व हो सकें |
y = sin x or f ( x ) = sin x
प्रांत = R, परिसर = [ -1, 1 ]
निम्नलिखित अंतरालों पर फलन f ( x ) = sin x एकैकी आच्छादक होगा |
∴ f : [ – , ] → [-1, 1 ] पर f ( x ) = sin x एकैकी आच्छादक है |
अत: यह एक व्युत्क्रमणीय फलन है |
f-1 : [ -1, 1 ] → [ – , ], f ( x ) = sin-1 x
प्रांत = [ -1, 1 ]
परिसर = [ – , ] = मुख्य शाखा मान
मुख्य शाखा मान ( Principal branch values ) : इस सभी अंतरालों में से y-अक्ष के साथ वाले अंतराल को फलन के प्रतिलोम फलन का मुख्य शाखा मान कहते हैं |
2. y = cos x or f ( x ) = cos x
प्रांत = R, परिसर = [ -1, 1 ]
निम्नलिखित अंतरालों पर फलन f ( x ) = cos x एकैकी आच्छादक है –