अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास – Bihar Board Class 10th Social Science Question-answer 2023

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं ? 

उत्तर – अर्थव्यवस्था जीवनयापन के लिए अपनाई गई एक आर्थिक व्यवस्था है | इस व्यवस्था में ही किसी देश या समाज के सदस्य सभी प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का संचालन करते हैं | सारांश में, उत्पादन, वितरण एवं उपभोग की आर्थिक क्रियाओं की सुव्यवास्थिक संरचना अर्थव्यवस्था है | 

2.  अर्थव्यवस्था के विभिन्न प्रकारों की विवेचना करें | 

उत्तर – उत्पादन के साधनों के स्वामित्व की दृष्टि से अर्थव्यवस्थाओं की तीन मुख्य प्रकार है – 

  1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था | 
  2. समाजवादी अर्थव्यवस्था | 
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था | 

3. अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख कार्य कौन-कौन-से हैं ? 

उत्तर –

  1. मनुष्य की आवश्यकता की पूर्ति के लिए वस्तुओं/सेवाओं का उत्पादन | 
  2. उत्पादित वस्तुओं के क्रय के लिए आय का सृजन | 

4. आर्थिक विकास से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर – किसी देश या राज्य की प्रतिव्यक्ति वास्तविक आय की दीर्घकालीन वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं | यह वृद्धि अर्थव्यवस्था की संरचना में परिवर्तन के कारण संभव होती है | 

5. सतत विकास क्या है ? 

उत्तर – सतत विकास का अर्थ है कि विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति में बाधा न बने | 

6. जीवन की भौतिक गुणवत्ता के तीन प्रमुख सूचक क्या हैं ? 

उत्तर – जीवन की भौतिक गुणवत्ता के सूचक को विकसित करने का श्रेय मोरिस डी० मोरिस नामक अर्थशास्त्री को है तथा इनके अनुसार, इसके तीन सूचक या संकेतक हैं – 

  1. जीवन प्रत्याशा | 
  2. शिशु मृत्यु-दर | 
  3. मौलिक साक्षरता | 

7. समावेशी विकास किसे कहते हैं ? 

उत्तर – विकास की वह प्रक्रिया समावेशी विकास कहलाती है जो विकास के लाभ को समाज के अंकित पायदान पर स्थिर लोगों तक पहुँचाने, उनका जीवन-स्तर ऊँचा उठाने तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास करती है | सामावेशी विकास को ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य बनाया गया, क्योंकि कई दशक के सार्थक प्रयास के बावजूद भी भारत के कई कमजोर वर्ग एवं भौगोलिक क्षेत्र विकास के लाभ से वंचित रह गए | 

8. अर्थव्यवस्था के कौन-कौन-से क्षेत्र होते हैं ? 

उत्तर – अर्थव्यवस्था का प्रायः दो दृष्टियों से वर्गीकरण किया जाता है – स्वामित्व के आधार पर तथा व्यवस्था के आधार पर | स्वामित्व के आधार पर किसी अर्थव्यवस्था के दो मुख्य क्षेत्र होते हैं – निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र | भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है तथा इसमें एक संयुक्त क्षेत्र भी है | इस क्षेत्र के उद्योग या व्यवसाय में निजी उद्योगपति और सरकार दोनों की साझेदारी होती है | 

       व्यवसाय या आर्थिक क्रियाओं के आधार पर किसी अर्थव्यवस्था के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं – प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र तथा तृतीयक क्षेत्र | 

9.  पूँजीवादी अर्थव्यवस्था क्या है ? 

उत्तर – पूँजीवादी अर्थव्यवस्था आर्थिक संगठन की एक ऐसी प्रणाली है जो निजी संपत्ति, व्यक्तिगत लाभ एवं निजी प्रेरणा पर आधारित होती है | इसमें राज्य या सरकार किसी व्यक्ति के आर्थिक क्रियाकलाप में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करती | यह मूल्य प्रणाली पर आधारित बाजार अर्थवयवस्था है | अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा आदि विश्व के अधिकांश विकसित देशों में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था है | इसमें उत्पादन के साधनों पर किसी व्यक्ति या निजी संस्था का अधिकार होता है | इसके अंतर्गत व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है | 

10.  मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ? 

उत्तर – मिश्रित अर्थव्यवस्था की धारणा अपेक्षाकृत एक नविन धारणा है | पूँजीवाद एवं समाजवाद आर्थिक व्यवस्था के दो पृथक रूप हैं | जहाँ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में व्यक्ति को पूर्ण आर्थिक स्वतंत्रता रहती है, वहाँ समाजवादी अर्थव्यवस्था इसे समाप्त कर देती है | मिश्रित अर्थव्यवस्था इन दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच का मार्ग है | इसमें पूँजीवाद एवं समाजवाद दोनों के गुण वर्त्तमान होते हैं | इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था के कुछ महत्त्वपूर्ण क्षेत्र सरकार के अधीन होते हैं तथा शेष निजी उद्यम के हाथ में छोड़ दिए जाते हैं | 

11.  सार्वजनिक क्षेत्र क्या है ? 

उत्तर – सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत वे उद्योग या व्यवसाय आते हैं जिनपर सरकार का नियंत्रण रहता है | इस क्षेत्र के उद्योग सरकार द्वारा संचालित एवं नियंत्रित होते हैं तथा सरकार ही उनका एकमात्र स्वामी या प्रमुख अंशधारी होती है | राजकीय अथवा सरकारी उपक्रमों के समूह को सार्वजनिक क्षेत्र की संज्ञा दी जाती है | निजी उपक्रमों के समान ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करते हैं | परंतु, यह क्षेत्र उत्पादन की प्रक्रिया में लोककल्याण को अधिक महत्त्व देता है | 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

1. आर्थिक विकास के मुख्य क्षेत्रों का वर्णन करें | 

उत्तर – आज विश्व के सभी देशों का मूल उद्देश्य आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तीव्र बनाना है | आर्थिक विकास का अभिप्राय देश के प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों के कुशल प्रयोग द्वारा राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि करना है | जब किसी देश के प्राकृतिक संसाधनों पर श्रम और पूँजी लगकर उनका उपयोग किया जाता है तो उससे प्रत्येक लेखावर्ष में एक निश्चित मात्रा में वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन होता है | यह देश की राष्ट्रीय आय है |   

        इस प्रकार , राष्ट्रीय आय एक निश्चित अवधि में देश के कुल उत्पादन का मौद्रिक मूल्य है तथा वस्तुओं और सेवाओं की उत्पादन प्रक्रिया में ही इसका सृजन होता है | एक अर्थव्यवस्था में  उत्पादन के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं जो विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करते हैं – प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीयक क्षेत्र तथा तृतीयक क्षेत्र | प्राथमिक क्षेत्र को कृषि क्षेत्र भी कहते हैं | इस क्षेत्र के अंतर्गत कृषि एवं इसकी सहायक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है, जैसे – पशुपालन, वानिकी, मत्स्यपालन, खनन इत्यादि | द्वितीयक क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र भी कहते हैं | इसमें सभी प्रकार के निर्माण उद्योग, विधुत गैस तथा जलापूर्ति आदि शामिल हैं | तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहते हैं | यह क्षेत्र वस्तुओं का नहीं, वरन सेवाओं का उत्पादन करता है | आर्थिक विकास के ये तीन प्रमुख क्षेत्र हैं तथा अर्थव्यवस्था के विकास के लिए इनका विकास आवश्यक है | 

 

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