लघु उत्तरीय प्रश्न
1.सत्ता में साझेदारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – नागरिकों द्वारा सरकारी काम-काज में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने की क्रिया को सत्ता में साझेदारी कहा जाता है |
2. संघात्मक शासन क्या है ?
उत्तर – संघात्मक शासन में दोहरी सरकार होती है – केंद्र सरकार एवं इकाइयों की सरकारें | दोनों के अधिकार-क्षेत्र संविधान द्वारा विभाजित कर दिए जाते हैं |
3. सत्ता के विकेंद्रीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – एक स्थान पर सत्ता के केंद्रीकृत होने पर विकास का कार्य नहीं हो सकता और लोगों के जीवन को सुखमय नहीं बनाया जा सकता | इसी कारण सत्ता को कई स्तरों पर बाँट दिया जाता है | इसे ही सत्ता का विकेंद्रीकरण कहा जाता है |
4. पंचायती राज क्या है ?
उत्तर – पंचायती राज के अंतर्गत ग्राम, प्रखंड एवं जिला स्तर पर क्रमशः ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद का गठन किया गया है |
5. बिहार में कितने नगर निगम हैं ? इनके नाम बताएँ |
उत्तर – बिहार में नगर निगमों की कुल संख्या 13 है – ( i ) पटना, ( ii ) गया, ( iii ) भागलपुर, ( iv ) मुजफ्फरपुर, ( v ) बिहारशरीफ, ( vi ) आरा. ( vii ) दरभंगा, ( viii ) बेगुसराय, ( ix ) मुंगेर, ( x ) पूर्णिया, ( xi ) कटिहार, ( xii ) छपरा, एवं ( xiii ) सहरसा |
6. सत्ता में साझेदारी का क्या अर्थ है ? इसकी एक अच्छी परिभाषा दें |
उत्तर – सत्ता में साझेदारी को लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक आवश्यक और महत्त्वपूर्ण आधार माना गया है | आज का युग सत्ता के विकेंद्रीकरण का है | यह तभी संभव है जब सत्ता में अधिक-से-अधिक लोगों की साझेदारी सुनिश्चित हो | नागरिकों द्वारा सरकारी कामकाज में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने की क्रिया को सत्ता में साझेदारी की संज्ञा दी जाती है | इसकी एक अच्छी परिभाषा है – “राज्य के नगरियों द्वारा सरकारी स्तर पर निर्णय लेने या निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया को प्रभावित करना सता में साझेदारी है |”
7. संघ राज्य किसे कहते हैं ? अथवा, संघ राज्य का अर्थ बताएँ |
उत्तर – जब किसी देश में शासन संचालन के लिए दुहरे स्तर पर सरकार का गठन किया जाता है तो वह संघ राज्य कहलाता है | संघ राज्य में सर्वोच्च स्तर पर केंद्र की सरकार होती है | संघ राज्य की इकाइयाँ होती हैं जिनके शासन के संचालन के लिए केंद्र से नीचे इकाई राज्यों की सरकारें होती हैं | लिखित संविधान के द्वारा दोनों स्तर की सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन कर दिया जाता है | दोनों के कार्यक्षेत्र परिभाषित कर दिए जाते हैं |
8. नगर निगम की आय के प्रमुख साधनों को बताइए |
उत्तर – नगर निगम की आय के निम्नलिखित स्रोत हैं | ( i ) वाहनों और पशुओं पर कर, ( ii ) संपत्ति कर और मकान कर, ( iii ) मनोरंजन स्थलों पर कर, ( iv ) व्यवसाय कर, ( v ) विज्ञापन कर, ( vi ) शिक्षा कर, ( vii ) मनोरंजन कर, ( viii ) नगर की भूमि की बढ़ी हुई कीमत पर विकास कर, ( ix ) जल-आपूर्ति कर, ( x ) सफाई कर, ( xi ) गैर-मशीनवाले वाहनों पर कर; जैसे – घोड़ागाड़ी, रिक्शा , ( xii ) नगर क्षेत्र के बाजारों में बिक्री के लिए लाई गई वस्तुओं पर कर तथा ( xiii ) सरकार से प्राप्त अनुदान |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में क्या महत्त्व रखती है ?
उत्तर – शासन की सभी प्रणालियों में सत्ता में भागीदारी की आवश्यकता महसूस की जाती है | वर्त्तमान लोकतांत्रिक युग में इसकी अनिवार्यता और बढ़ गई है | विशाल जनता-जनार्दन की सत्ता में भागीदारी का तात्पर्य राज्य के मामले में अधिक रूचि लेना है | सत्ता में भागीदारी राजनीतिक व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान करती है | इससे राजनीतिक व्यवस्था में स्थायित्व बढ़ जाता है | सत्ता में भागीदारी नहीं होने से क्रांति की कारण है की सभी प्रकार की शासन प्रणालियों में सरकार के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने का प्रयास किया जाता है | देश की एकता और अखंडता के लिए यह अत्यंत आवश्यक है की बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा को शेष लोगों पर नहीं थोपा जाए | अतः , लोकतंत्रिक शासन व्यवस्था का यह कर्तव्य होता है की वह सत्ता के हित में अधिक जनता की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करे |
स्पष्ट है की सत्ता में भागीदारी की आवश्यकता दो महत्त्वपूर्ण कारणों से है –
- अधिक-से-अधिक लोगों तथा समूहों को शासन व्यवस्था से जोड़ने के लिए जिससे लोकतंत्र की जड़े मजबूत हो सकें |
- देश की एकता और अखंडता के लिए व्यवस्था में स्थायित्व बना रहे |
2. ग्राम पंचायत के प्रमुख अंगों का वर्णन करें |
उत्तर – ग्राम पंचायत, पंचायती राज की सबसे निचली इकाई है | इसके निम्नलिखित प्रमुख अंग हैं |
- ग्राम सभा – गाँव के सभी वयस्क नागरिक ग्राम सभा के सदस्य होते हैं | ग्राम सभा की बैठक समय-समय पर होती रहती है | परंतु, तीन महीने में एक बार बैठक अवश्य होनी चाहिए | यह विकास-कार्यक्रम एवं बजट पर विचार करती है |
- मुखिया – ग्राम पंचायत का प्रधान मुखिया होता है | यह प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होता है | ग्राम पंचायत की तरह इसका कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है | यह ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की बैठक बुलाता है तथा उसकी अध्यक्षता करता है |
- उपमुखिया – ग्राम पंचायत के सभी चुने हुए सदस्य अपनी प्रथम बैठक में अपने में से एक उपमुखिया का चुनाव करते हैं | यह मुखिया की अनुपस्थिति में मुखिया के स्थान पर काम करता है |
- पंचायत सचिव – यह सरकार द्वारा नियुक्त सरकारी कर्मचारी होता है | यह पंचायत कार्यालय के सचिव के रूप में काम करता है |
- ग्राम रक्षादल – एक दलपति के नेतृत्त्व में गाँव के युवकों की यह टीम गाँव में शांति-सुरक्षा बनाए रखने का काम करती है |
3. ग्राम कचहरी के गठन एवं शक्ति का वर्णन करें |
उत्तर – प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में न्यायिक कार्यों को संपन्न करने के लिए एक ग्राम कचहरी का गठन किया जाता है | बिहार में पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार, ग्राम कचहरी का गठन निर्वाचन द्वारा किया जाता है जिसमें एक निर्वाचित सरपंच और निश्चित संख्या में निर्वाचित पंच होते हैं | प्रत्येक पंच लगभग 500 आबादी का प्रतिनिधित्व करता है ग्राम कचहरी में भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ों तथा महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत जैसा ही आरक्षण का प्रावधान है | ग्राम कचहरी का प्रधान सरपंच होता है | निर्वाचन के बाद प्रत्येक ग्राम कचहरी अपनी पहली बैठक में निर्वाचित पंचों में से बहुत द्वारा एक उपसरपंच का चुनाव करती है | सरपंच ग्राम कचहरी और उसकी पीठों का अध्यक्ष होते है | प्रत्येक मुक़दमा सरपंच के यहाँ दायर किया जाता है | सरपंच की अनुपस्थिति में उपसपंच उसके सारे अधिकारों का प्रयोग करता है | ग्राम कचहरी का एक सचिव और एक न्यायमित्र होता है जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है |
ग्राम कचहरी को फौजदारी और दीवानी दोनों प्रकार के मुकदमों की सुनवाई करने का अधिकार है | इसे अधिकतम एक हजार रुपये तक जुर्माना करने का अधिकार है | यह दास हजार रुपये मूल्य तक के दीवानी मुकदमे सुनने का भी अधिकार रखती है | इसके किसी आदेश या निर्णय के विरुद्ध तीस दिनों के अंतर्गत अपील दायर की जा सकती है |
4. नगर निगम के मुख्य कार्यों का वर्णन करें |
उत्तर – नगर निगम के निम्नांकित कार्य हैं |
( i ) नगर निगम क्षेत्र में पेशाबखानों, शौचालयों, नालियों आदि का निर्माण एवं देखभाल, ( ii ) पीने के लिए पानी का प्रबंध, ( iii ) साफा, सफाई का प्रबंध, ( iv ) पुलों, गलियों, उद्योनों का निर्माण एवं सफाई, ( v ) चिकित्सालयों का प्रबंध एवं छूआछूतावली बीमारियों की रोकथाम, ( vi ) प्राथमिक विद्यालयों, पुस्तकालयों, अजायबघरों की स्थापना एवं व्यवस्था, ( vii ) कल्याण-केन्द्रों, मातृ-केंद्रों, वृद्धाश्रमों की स्थापना एवं प्रबंध, ( viii ) खतरनाक व्यापार की रोकथाम, ( ix ) दुग्धशाला की स्थापना, ( x ) आग बुझाना, ( xi ) मनोरंजन का प्रबंध, ( xii ) जन्म-मृत्यू निबंधन, ( xiii ) जनगणना, ( xiv ) बाजारों का निर्माण, ( xv ) नगर-बससेवा का प्रबंध, ( xvi ) कब्रगाहों एवं श्मशानों की देखभाल, ( xvii ) गृह उद्योगों एवं सरकारी भंडारों की स्थापना करना |
5. पंचायती राज के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख करें |
उत्तर – पंचायती राज के कई मुख्य उद्देश्य हैं |
- ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय संस्थाओं को वास्तविक शक्तियाँ सौंपकर लोकतंत्र का आधार मजबूत करना |
- ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध मानव तथा अन्य संसाधनों का सही उपयोग करना |
- स्थानीय मामलों के कार्यों में ग्रामीणों की अधिक साझेदारी सुनिश्चित करना |
- ग्रामीणों के बीच आत्मनिर्भरता एवं सामुदायिक भावना विकसित करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास योजनाओं का मूर्तरूप देना
- ग्रामीण क्षेत्रों के कमजोर वर्ग के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना, अर्थात ग्रामीण विकास योजनाओं में हाथ बाँटने का अवसर देना
6. भारत में सत्ता में साझेदारी के लिए अपनाए गए विभिन्न तरीकों का उल्लेख करें |
उत्तर – भारत में सत्ता में साझेदारी के लिए अपनाए गए मुख्य तरीके निम्नलिखित हैं |
- भाषा, धर्म, क्षेत्र और समुदायों के बीच भेदभाव समाप्त कर दिया गया है | इस क्षेत्र में अवसर की समानता के सिद्धांत को अपनाया गया है |
- सरकार के तीनों अंगों – विधायिका, कार्यपालिका एवं नयायपालिका – के बीच सत्ता का विभाजन कर दिया गया है | ऐसी व्यवस्था कर दी गई है कि कोई अंग अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं कर सके |
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच भी सत्ता का विभाजन किया गया है | इस उद्देश्य से ही तीन सूचियाँ बनाई गई हैं – संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची |