वन और वन्य प्राणी संसाधन – Bihar Board Class 10th Social Science Subjective Question-answer 2023

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. वन संरक्षण के कोई चार उपाय लिखें | 

उत्तर – 

  1. कटे गए वन क्षेत्र पर वृक्षारोपण करना | 
  2. वन-अग्नि को रोकने की व्यवस्था करना | 
  3. परिपक्व वृक्षों को ही कटाने का प्रावधान करना | 
  4. वन की उपयोगिता से लोगों को अवगत कराना |

2. राष्ट्रीय उद्यान क्या होता होता है ? अथवा, नेशनल पार्क बनाने का क्या उद्देश्य है ? 

उत्तर – देश में कुछ ऐसे उद्यान ( पार्क ) विकसित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य वन्य प्राणियों के लिए प्राकृतिक आवास तथा उनकी संख्या में वृद्धि हेतु परिस्थितियाँ उत्त्पन्न करना है | ऐसे ही उद्यानों को राष्ट्रीय उद्यान ( नेशनल पार्क ) कहा जाता है |  

3. वन विनाश के मुख्य कारकों को अंकित करें | 

उत्तर – वन विनाश के मुख्य कारक निम्नलिखित हैं | 

  1. वन क्षेत्र का कृषि भूमि के रूप में बदला जाना | 
  2. पशुचारण और ईंधन के लिए लकड़ियों का भारी मात्रा में काटा जाना | 

4. वन के पर्यावरणी महत्त्व का वर्णन कीजिए | 

उत्तर – वन पर्यावरण को संतुलित रखता है | कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करता है, मृदा अपरदन को रोकता है और वर्षा कराने में सहायक होता है | साथ ही, किसी भी क्षेत्र में वनों की मौजूदगी उस क्षेत्रविशेष के तापमान को काफी हद तक संतुलित रखती है | 

5. जैव विविधता क्या है ? 

  उत्तर – संपूर्ण पृथ्वी अथवा उसके किसी हिस्से पर सुक्ष्मजीवाणुओ से लेकर बड़े-बड़े जीव-जंतुओं की उपस्थिति जैव विविधता कहलाती है || 

6. वन एवं वन्य जीव प्रदुषण के शिकार हो रहे हैं | कैसे ? 

उत्तर – प्राकृतिक निवासस्थान उपलब्ध होने के बावजूद भी वन एवं वन्य जीव लुप्त होते जा रहे हैं, क्योंकि प्रदूषण का दुष्प्रभाव उनपर पड़ रहा है | बढ़ते प्रदूषण के कारण पराबैंगनी किरणें, अम्ल-वर्षा, पौधा-घर प्रभाव बढ़ता जा रहा है | इसके अलावा, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण के कारण वन एवं वन्य जीवों का जीवन-चक्र दुष्प्रभावित होता जा रहा है | फलत:, पेड़-पौधों एवं वन्य जीवों का जीवन संकट में पड़ता जा रहा है | 

7. चिपको आंदोलन क्या है ? 

उत्तर – चिपको आंदोलन के अग्रणी नेता सुंदरलाल बहुगुणा हैं | इन्होंने 1972 में उत्तर प्रदेश ( वर्त्तमान उत्तराखंड ) के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थानीय नागरिकों की मदद से चिपकों आंदोलन चलाया | जव जंगल में वृक्षों के कटाने के लिए ठेकेदार के आदमी पहुँचाते तब स्थानीय लोग वृक्ष से चिपक जाते थे | ये लोग तब तक चिपके रहते थे जब तक कि काटनेवाला व्यक्ति चला नहीं जाता था | हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग ऐसा करते थे | अतः बाध्य होकर सरकार को जंगल कटाई का ठेका रद्द करना पड़ा | 

 

 

 

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