लघु उत्तरीय प्रश्न
1. लाल एवं पीली मिट्टी का निर्माण किस प्रकार होता है ?
उत्तर – ग्रेनाइट एवं नीस जैसे रवेदार आग्नेय चट्टानों के विघटन एवं रूपांतरण से लाल एवं पिली मिट्टी का निर्माण होता है |
2. भूमि एवं मृदा संसाधन में अंतर करें |
उत्तर – भूमि और मृदा दोनों प्राकृतिक संसाधन हैं | भूमि के निर्माण में निर्जीव चट्टानों का योगदान होता है जबकि मृदा सजीव पदार्थों से बनी होती है | मृदा भूमि का नैसर्गिक आवरण है , जो वातावरण के अनुरूप मिलाती है |
3. मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्या किया जाना चाहिए ?
उत्तर – मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए वर्षा – जल का संग्रहण , सतही जल का संरक्षण तथा भूमिगत जल की पुन: पूरण करना आवश्यक है |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1 . मृदा अपरदन क्या है ? मृदा संरक्षण के किन्हीं तीन प्रभावी उपायों का उल्लेख करें |
उत्तर – प्राकृतिक या मानवीय कारणों से मृदा का अपने मूल स्थान से हट जाना अथवा उसकी उपजाऊ परत का अलग होना मृदा अपरदन कहलाता है | मृदा संरक्षण के तीन प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं |
- सामाजिक वानिकी , क्षतिपूर्ति वानिकी एवं विशिष्ट वानिकी पर जोर देना |
- पर्वतीय क्षेत्रों में वन के कटाव पर प्रतिबन्ध लगाना
- मैदान क्षेत्र में फसल – चक्र पद्धति पर जोर देना |
2 . फसल – चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर – एक ही खेत में विभिन्न फसल ऋतुओं में भिन्न – भिन्न फसलों की बुआई करना फसल – चक्रण कहलाता है | एक फसल ऋतु में बोई गई फसलों द्वारा मृदा से जिस प्रकार का पोषण तत्त्व अधिक मात्रा में ग्रहण किया जाता है , दूसरी फसल ऋतु में उसी भूमि पर ऐसे फसल बोई जाती है जो कि पहली फसल द्वारा ग्रहण किए गए पोषण तत्त्वों की आपूर्ति कर दे | उदाहरणस्वरूप , यदि खरीफ फसल ऋतु में किसी भूमि पर धान की बुआई की जाती है जो अधिक नेत्रजन अवशोषित करता है तो रबी फसल ऋतु में मसूर , मूँग एवं अन्य दलहनी फसले लगाई जाती हैं जो वायुमंडल से नाइट्रोजन को ग्रहणकर मृदा में इसकी आपूर्ति कर देती हैं | इस तरह , फसल – चक्रण मृदा संरक्षण से सहायक है |
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