इटली के वैज्ञानिक गैलीलियों गैलिली ने पृथ्वी की और स्वतंत्र रूप से गिरती हुई वस्तुओं की गति का विस्तृत अध्ययन किया और उससे यह साबित हुआ की
- पृथ्वी की ओर गिरती हुई वस्तु का त्वरण उसके द्रव्यमान से स्वतंत्र होता है |
- निर्वात में सभी वस्तुएँ समान त्वरण से गिरती है |
मुक्त पतन ( Free fall )– किसी माध्यम के प्रतिरोध की अनुपस्थितति में वस्तुओं के गिरने की गति को मुक्त पतन कहते है |
गुरुत्वाकर्षण बल ( Gravitational forces )- 1667 में न्यूटन ने यह बताया की ब्रह्माण्ड में प्रत्येक वास्तु एक दुसरे की एक बल द्वारा आकर्षित करती है | उसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते है |
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम – ब्रह्मांड में एक कण प्रत्येक दुसरे कण को एक बल से आकर्षित करना है, जिसका परिमाप
- कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है |
- उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है |
जहाँ G एक नियतांक है, जिसे गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहा जाता है |
गुरुत्वाकर्षण त्वरण ( Force of gravity )– स्वतंत्रतापूर्वक गिरते हुए किसीवस्तु पर गुरुत्व बल के कारण जो त्वरण उत्पन्न होता है, उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते है | इसे संकेत g के व्यक्त किया जाता है |
नोट – यदि दो वस्तुओं में एक वास्तु पृथ्वी हो तो उनके बीच लगनेवाले गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व – बल कहा जाता है |
G तथा g में संबंध –
पृथ्वी का द्रव्यमान = M , वस्तु का द्रव्यमान = m , पृथ्वी की त्रिज्या =r
न्युटन के द्वितीय गति नियम से,
गुरुत्वीय त्वरण निंनलिखित पर निर्भर करते है –
- उँचाई का प्रभाव – उँचाई बढ़ने के गुरुत्व त्वरण घटता है |
- पृथ्वी के आकर का प्रभाव– पृथ्वी की सतह के निचे जाने पर गुरुत्व त्वरण का मान घटता है |
- पृथ्वी के सतह पर – पृथ्वी की सतह पर अलग-अलग स्थानों पर गुरुत्व त्वरण अलग-अलग होता है |
गुरुत्व के अधीन मुक्त उर्ध्वाधर गति –
नोट –
- यदि कोई कम विराम से गति की अवस्था में जाता है, तो प्रारंभिक वेग , u = 0 होगा |
- यदि कोई गतिमान कण में आ जाए तो अंतिम वेग, v = 0 होगा |
- यदि वस्तु ऊपर की ओर फेका जाता है, तो गुरुत्व त्वरण , लिया जाता है |
- यदि वस्तु ऊपर से निचे की ओर आती है, तो गुरुत्व त्वरण, लिया जाता है |
- यदि कोई वस्तु महत्तम उंचाई तक पहुँचे तो अंतीम वेग, v=0 होता है | या वस्तु ऊपर की ओर फेकी जाए तो अंतीम वेग, v= 0 होता है |
- यदि कोई वस्तु ऊपर से निचे की ओर गिरे तो प्रारंभिक वेग , u= 0 होता है |
भार ( Weight )– किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान तथा गुरुत्व त्वरण गुणनफल के बराबर होता है |
या, किसी संतुलित वस्तु का भार परिमाण में पृथ्वी द्वारा उसपर लगाए गए गुरुत्व बल के बराबर होता है
भार का SI मात्रक न्यूटन ( N ) होता है |
नोट- भार एक प्रकार का बल होता है |
वस्तु का चंद्रमा पर भार
माना किसी वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान m, पृथ्वी का द्रव्यमान, M = और पृथ्वी की त्रिज्या r =
द्रव्यमान अपरिवर्तित होता है |
∴ चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = m
चंद्रमा का द्रव्यमान, , चंद्रमा की त्रिज्या,
समीकरण ( 1 ) में समीकरण ( 2 ) से भाग देने पर,
चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार = × उसी वस्तु के पृथ्वी पर भार
दाब ( Pressure )– प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगनेवाले बल को दाब कहते है |
दाब का SI मात्रक = या पास्कल ( Pa ) होता है |
घनत्व ( Density )– किसी पदार्थ के एकांक आयतन में पदार्थ का जो परिमाण होता है, उसे पदार्थ का घनत्व कहते है |
घनत्व का SI मात्रक होता है |
प्रणोद ( Thrust )– किसी सतह के लम्बवत लगे हुए बल को प्रणोद कहते है |
प्रणोद का SI मात्रक न्यूटन ( N ) होता है |
द्रवों में दाब – किसी बर्तन में रखा द्रव उस बर्तन का रूप धारण कर लेता है और दाब निंनलिखित प्रकार से डालता है |
- द्रव जिस बरतन में रखा जाता है उस बरतन के भीतरी सतह तथा अपने भीतर के प्रत्येक बिंदु पर दाब डालता है |
- द्रव के भीतर किसी बिंदु पर सभी बिदुओं पर द्रव को दाब साभी दिशाओं में समान होता है |
- द्रव के भीतर किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के मुक्त सतह से उस बिंदु को गहराई के समनुपाती होता है |
- द्रव में किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व के समानुपाती होता है |
द्रव में दाब का संचरण – बंद द्रव के किसी भाग पर दाब डाला जाए तो उसका संचरण सभी दिशाओं में जाता है, जिसे द्रवों में दाब का संचरण कहते है |
पास्कल का नियम – बंद द्रव के किसी भाग पर डाला गया दाब सभी दिशाओं में समान रूप से सचारित होता है |
उत्प्लावकता ( Buoyancy )– द्रव में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगता है जिसके कारन उसके भार में एक आभासी कमी आ जाती है | इस उपरिमुखी को उस वस्तु पर द्रव की उत्प्लावाकत कहते है और इस बल को उत्प्लावन बल कहते है |
आर्किमीडीज का सिद्धांत – जब कोई वास्तु की द्रव या गैस में पूर्णत : या अंशत : डुबाई जाती है , तो उसके भर में आभासी कमी आ जाती है जो वास्तु के डुबे हुए भाग द्वारा हटाए गए द्रव या गैस के भर के बराबर होता है |
वस्तुओं का प्लवन –
- किसी द्रव में किसी वस्तु को डूबाने के लिए वास्तु का घनत्व ,द्रव के घनत्व से अधिक होना चाहिए |
- द्रव में पूर्णत डूबकर वस्तु के प्लवन करने के लिए वस्तु की घनत्व ,द्रव के घनत्व के बराबर होना चहिए |
- द्रव में अंशत: डूबकर वस्तु के प्लवन करने के लिए वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व से कम होना चाहिए |
आपेक्षिक घनत्व ( Relative density )– किसी पदार्थ के घनत्व एवं प्रमाणिक पदार्थ के घनत्व के अनुपात को उस पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व कहते है |
Thanks sir jaldi chemistry biology ka bi notes dale
Sir, next lesson
Sir please next chapter notes aplode sir
Sir pdf download karne ke baad photo nahi aata hai