लघु उत्तरीय प्रश्न
- ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत किसे कहते हैं ?
उत्तर – ऊर्जा के वे स्रोत जो प्राकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं, अथवा उनका आपूरण संभव होता है , ऊर्जा के नवीकरणीय अथवा ऊर्जा के गैरपरंपरागत स्रोत कगालाते हैं | उदाहरणार्थ , सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा , जल ऊर्जा , नाभिकीय ऊर्जा आदि |
2. ऊर्जा के अनवीकरणीय संसाधन कौन – कौन हैं ?
उत्तर – कोयला एवं पेट्रोलियम ऊर्जा के अनवीकरणीय संसाधन हैं, क्योंकि इनके निर्माण में लाखों वर्षो का समय लगता है |
3. कार्बन एवं उसके यौगिको का उपयोग ईंधन के रूप में क्यों किया जाता हैं ?
उत्तर – कार्बन एवं उसके यौगिको का ईंधन के रूप में उपयोग के निम्नांकित कारण हैं |
( i ) ये दहन के फलस्वरूप अधिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं |
( ii ) इनमें कार्बन एवं हाइड्रोजन की मात्रा अधिक होने के कारण इनका ज्वलन – ताप सामान्य होता है | ( iii ) इनका रख-रखाव आसान है | ( iv ) इनके दहन का नियंत्रण संभव है |
4. समावयवता क्या है ? कोई एक उदाहरण दें |
उत्तर- समावयवता कार्बनिक यौगिकों में पाई जानेवाली वैसी घटना है जिसमें एक ही अणुसूत्र से विभिन्न यौगिकों का बोध होता है जिनके गुणों में अंतर पाया जाता है | एक ही अणुसूत्र से व्यक्त होनेवाले विभिन्न यौगिक समावयवी कहलाते हैं | यथा, अणुसूत्र C 2 H6O से दो भिन्न यौगिक डाइमेथिल ईथर ( CH3 . O . CH3 ) एवं एथिल एल्कोहॉल ( C2H5OH ) का बोध होता है जिनके गुणों में अंतर होता है |
5. किण्वन की क्रिया क्या है ? इसमें कौन – से गैस निकलती है ?
उत्तर – जटिल कार्बनिक यौगिकों के सूक्ष्मजीवों से स्त्रावित जटिल नाइट्रोजनी पदार्थो, जिन्हें एंजाइम कहते हैं , द्वारा मंद गति से अपघटित होकर सरल यौगिकों में परिवर्तित होने की क्रिया को किण्वन की क्रिया कहते हैं | C6 H12 O6 → 2C2 H5 OH + 2CO2 ग्लूकोस एथिल एल्कोहॉल 6. शराब पीने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – एल्कोहॉल पेय अथवा शराब पीने से अनेक हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होते हैं | एल्कोहॉल उत्तेजत पदार्थ है जिसे पीने पर व्यक्ति मानसिक और शारीरिक संतुलन खो बैठता है तथा हरेक गलत कार्य करने के लिए प्रेरित हो जाता है | अधिक मात्रा में शराब पीने पर व्यक्ति होश खो देता है तथा लीवर खारब हो जाने से मौत भी हो जाती है |
7. अपमार्जक क्या हैं ?
उत्तर – अपमार्जक साबुनरहित साबुन हैं जिनकी रासायनिक प्रवृत्ति साबुन से भिन्न होती है | ये संश्लेषिक रासायनिक पदार्थ हैं | यथा – सोडियम लॉरिल सल्फेट ( C12H25OSO3Na ) एवं सोडियम सिटाइल सल्फेट ( C16H33 OSO3 Na ) अच्छे अपमार्जक हैं | अपमार्जक का आर्द्रता गुण साबुन से अच्छा है | सबल सल्फोनिक अम्ल का लवण होने के कारण साबुन की तरह ये कठोर जल के साथ अविलेय लवण नहीं बनते हैं |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. साबुन एवं अपमार्जक में अंतर बताएँ |
उत्तर – साबुन एवं अपमार्जक में अंतर –
( i ) दुर्बल वसा अम्ल का लवण ,साबुन ,कठोर जल में विद्दमान Ca 2+ या Mg 2+ आयन से अभिक्रिया कर अविलेय लवण बनाता है जबकि सबल सल्फोनिक अम्ल का लवण ,
अपमार्जक ,Ca 2+ या Mg 2+ आयन से अभिक्रिया कर अविलेय लवण नहीं बनाता है |
( ii ) अपमार्जक में साबुन से ज्यादा आर्द्रता -गुण पाया जाता है जिस कारण सफाई के लिए अपमार्जक साबुन से अच्छा पदार्थ है |
( iii ) साबुन द्वारा कठोर जल से धुलाई का कार्य करने में कठिनाई होती है , जबकि अपमार्जक द्वारा कठोर जल से भी धुलाई का कार्य किया जा सकता है |
2. कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों में मुख्य भेद बतायें |
उत्तर – कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों में अंतर इस प्रकार हैं –
कार्बनिक यौगिक | अकार्बनिक यौगिक |
i. इनके क्वथनांक एवं गलनांक अकार्बनिक यौगिकों से कम होते हैं | | i. अकार्बनिक यौगिक प्रायः रंगहीन होते हैं | ( अपवाद – लोहा , तम्बा तथा निकेल के यौगिक रंगिहीन होते हैं | |
ii. उच्च ताप पर ये अपघटित हो जाते हैं | | ii. बहुत उच्च ताप पर भी ये स्थायी रहते हैं | |
iii. इनमें समावयवता का गुण अधिक पाया जाता है | | iii. इनमें समावयवता का गुण कम पाया जाता है | |
3. जीवन शक्ति का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर – प्रारंभ में ऐसी मान्यता थी कि कार्बनिक यौगिक सिर्फ सजीव स्रोत से ही प्राप्त किये जा सकते हैं | किन्तु ऐसा संभव नहीं हुआ | बर्जिलियस ने 1815 ई. में एक सिद्धांत दिया जिसके अनुसार सजीव पदार्थो में कार्बनिक यौगिको का निर्माण एक अदृश्य जीवन शक्ति द्वारा होता है इसे ही जीवन शक्ति का सिद्धांत कहा जाता है | लेकिन कालांतर में इस धारणा का भी अंत हुआ जब वोहलर ने प्रयोगशाला में यूरिया का संश्लेषण अमोनियम सयानेट को गर्म करके किया | आज 10 लाख से ऊपर कार्बनिक यौगिक बनाये जा चुके हैं |
4. समजातीय श्रेणी किसे कहते हैं ?
उत्तर – कार्बनिक यौगिकों की वह श्रेणी किसके सभी सदस्यों में एक ही अभिक्रियाशील समूह रहता है और जिसके किसी भी दो क्रमागत सदस्यों के आण्विक सूत्रों के बीच सदा CH2 का अंतर रहता है , उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं |
जैसे – CH4 तथा C2H6 में CH2 का अंतर है |
CH2H6 तथा C3H8 में CH2 का अंतर है |
5. हीरे का उपयोग काटने वाले औजार में क्यों किया जाता है ?
उत्तर – हिरा सबसे अधिक कठोर पदार्थ है जिसके करण इसका उपयोग अन्य पदार्थो को कटाने व पीसने में किया जाता हैं | हीरे में कार्बन का परमाणु अन्य चार परमाणुओं से बन्धित रहता है | इस प्रकार चतुष्फलक व्यवस्था के कारण एक तीन आयामी सुदृढ़ संरचना बन जाती है जिसके फलस्वरूप हिरा एक कठोर तत्त्व है तथा इसका घनत्व अति उच्च है |
6. मेथेन एवं एथेन के संरचनात्मक तथा इलेक्ट्रॉनिक सूत्र लिखिए |
उत्तर – ( i ) मेथेन – CH4
( ii ) एथेन -C2H6