लघु उत्तरीय प्रश्न
- हिन्दचीन का अर्थ क्या है ? अथवा, इंडो-चाइना का गठन किन देशों को मिलाकर हुआ है ?
उत्तर – यह तीन राष्ट्रों – (i) वियतनाम, (ii) लाओस और (iii) कंबोडिया को मिलाकर बना है |
2. बाओदाई के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर – वह अन्नाम का पूर्व सम्राट था | हनोई समझौता के बाद फ्रांस ने उसे वियतनाम का शासक बना दिया |
3. अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में क्यों भाग लिया ? इसका क्या परिमाण हुआ ?
उत्तर – दक्षिण-पूर्व एशिया में साम्यवाद का प्रसार रोकने के लिए अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में भाग लिया | अमेरिकी नीति विफल रहीं |
4. हिन्दचीन में प्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें |
उत्तर – 17वी. शताब्दी में अनेक फ्रांसीसी व्यापारी और कैथोलिक धर्मप्रचारक हिन्दचीन पहुँचे | 18वी. शताब्दी के उत्तरार्ध्द से वे हिन्दचीन की राजनीति में सक्रीय हो गए | 1787 में कोचीन-चीन तथा 1862 में अन्नम के साथ फ्रांस ने संधि कर अपना प्रभाव बढ़ाया | 1863 में कंबोडिया फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया | 1867 में कोचिन-चीन में फ्रांसीसी उपनिवेश की स्थापना हुई | 1884 में अन्नम फ्रांस का संरक्षित राज्य बना तथा 1887 में फ्रांस ने फ्रेंच इंडो-चाइना की स्थापना की |
5. होआ हाओ आंदोलन के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर – यह आंदोलन उपनिविशवाद-विरोधी था | आंदोलन 1939 में वियतनाम में आरंभ हुआ | इसका प्रभाव सबसे अधिक मेकोंग डेल्टा में था | इस आंदोलन को आरंभ करनेवाला हुइन्ह फू सो था | यह आंदोलन राष्ट्रवाद की मुख्यधारा से जुड़कर उपनिवेशवाद-विरोधी बन गया | हुइन्ह फू सो के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने कठोर कार्रवाई की |
6. नापाम और एजेंट ऑरेंज क्या था ?
उत्तर – ये घातक रासायनिक हथियार थे जिनका उपयोग अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में किया | नापाम में गैसोलिन मिला था जो ज्वलनशील होने के कारण त्वचा से चिपककर जलता रहता था | एजेंट ऑरेंज खतरनाक जहर था | उसे जिन ड्रमों में रखा जाता था उनपर नारंगी ( ऑरेंज ) रंग की पत्तियाँ बनी होती थीं | इनके प्रयोग से धन-जन की भारी हानि हुई |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
- हिन्दचीन में उपनिवेश की स्थापना का उद्देश्य क्या था ?
उत्तर – फ्रांसीसियो द्वारा हिन्दचीन में उपनिवेश की स्थापना के उद्देश्य निम्नलिखित थे |
- आर्थिक – वियतनाम कृषिप्रधान देश था जहाँ चावल और रबर का बहुत अधिक उत्पादन होता था | यहाँ विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ, जैसे – कोयला, टिन, जस्ता, क्रोमियम इत्यादि उपलब्ध थे | इन संसाधनों का उपयोग कर फ्रांसीसी उद्योगों का विकास कर सकते थे तथा व्यापार-वाणिज्य को बढ़ावा दे सकते थे | इससे फ्रांस को बड़ा विदेशी बाजार भी मिल सकता था |
- व्यापारिक – फ्रांस को डच एवं अँगरेजी व्यापारिक कंपनियों से प्रतिस्पर्ध्दा करनी पड़ रही थी | भारत और चीन में वे अँगरेजो से पिचाड़ते जा रहे थे | अँगरेजी प्रभाव नहीं होने से हिन्दचीन फ्रांसीसियों के लिए व्यापारिक और आर्थिक दृष्टिकोण से अधिक सुरक्षित था | वे भारत और चीन में भी अपने व्यापारिक हितों की सुरक्षा कर सकते थे |
- असभ्यो को सभ्य बनाने की नीति – अन्य यूरोपीय राष्ट्रों के समान फ्रांसीसी भी पिछड़ो एवं ‘असभ्यों’ को सभ्य बनाना चाहते थे | इसलिए, फ्रांस भी औपनिवेशिक दौड़ में सम्मिलित हो गया |
2. हिंदीचीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन कीजिए |
उत्तर – हिंदचीन में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद के विरुद्ध राष्ट्रवाद का विकास हुआ | 1903 में फान बोई चाऊ ने ‘दुई तान होई’ का गठन कर उपनिवेशवाद-विरोधी आंदोलन भी चलाया | वियतनाम के आरंभिक राष्ट्रवादियों ने ‘पूरब की ओर चलो’ आंदोलन चलाया | विद्यार्थियों ने टोकियों में ‘रेस्टोरेशन सोसायटी’ स्थापित की | जापान द्वारा रूस को पराजित करने की घटना और 1911 की चीनी क्रांति से भी राष्ट्रवादियों को प्रेरणा मिली | फान चू त्रिंह ने राष्ट्रवादी आंदोलन के राजतंत्रीय स्वरूप को गणतंत्रवादी बनाने के प्रयास किया | राष्ट्रवादी आंदोलन में छात्रों की विशेष भूमिका थी | हो ची मिंह ने 1930 में ‘वियतनाम काँग सान देंग’ का गठन कर आंदोलन को आगे बढाया | द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने ‘वियेतामिंह’ की स्थापना की | जापान द्वारा हिंदचीन से अपनी सेना हटाने के बाद हो ची मिंह के नेतृत्व में 1945 में वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थपना हुई |