यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय और विकास- Bihar Board Class 10th Social Science Subjective Question-answer 2023

लघु उत्तरीय प्रश्न 

  1. राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर – राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जो अपने राष्ट्र के प्रति लगाव और सोच की भावना विकसित करता है | 

       2. मेटरनिक युग से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर – यूरोप में 1815-48 का युग मेटरनिक युग कहलाता है | इस अवधि में पुरातन व्यवस्था को बनाए रखने का प्रयास किया गया | 

     3. मेजिनी कौन था ? 

उत्तर – मेजिनी को इटली के एकीकरण का ‘मसीहा’ कहा जाता है | वह साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था | 

       4. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थीं ? 

उत्तर – जर्मनी विखंडित था और सभी राज्यों में राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक विषमताएं थीं | ऑस्ट्रिया का इन राज्यों पर प्रभाव था जो एकीकरण का विरोधी था | 

       5. फ्रैंकफर्ट संसद की बैठक क्यों बुलाई गई ? इसका क्या परिणाम हुआ ? 

उत्तर – 1848 में आहुत इस संसद ने प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ को जर्मन राष्ट्र का राजा बनाने की पेशकश की, लेकिन उसने इसे अस्वीकार कर दिया | 

6. फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारण क्या थे ? 

उत्तर – फ्रांसीसी क्रांति ( 1789 ) के मिख्य कारण राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और बौधिक थे | लुई सोलहवाँ निरंकुश और अयोग्य था, समाज वर्ग-विभेद पर आधृत था तथा अर्थव्यवस्था दयनीय थी | इन परिस्थितियों को उजागर कर दार्शनिकों ने क्रांति को अवश्यंभावी बना दिया | 

7. नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद का प्रसार कैसे किया ? 

उत्तर – नोपोलियन ने विजित राज्यों में राष्ट्रवादी भावना जागृत कर दी | फ्रांसीसी आधिपत्यावाले राज्यों में नेपोलियन संहिता, फ्रांसीसी शासन और अर्थव्यवस्था लागु की गई | उसके कार्यो से इटली एवं जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ | साथ ही उसके युद्धों और विजयों से अनेक राष्ट्रों में फ्रांसीसी आधिपत्य के विरुद्ध आक्रोश पनपा जिसने राष्ट्रवाद का विकास किया | 

8. 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के कारणों का उल्लेख करें | 

उत्तर – लुई फिलिप का प्रधानमंत्री गिजो प्रतिक्रियावादी एवं सुधारों का विरोधी था | सुधारवादी डाल के नेता थेयर्स ने 22 फरवरी 1848 को पेरिस में ‘सुधार भोज’ का आयोजन किया | राजा ने इसपर रोक लगा दी | अतः पेरिस में विरोध प्रदर्शन हुए और जुलूस निकाले गए | इसपर पुलिस ने गोली चला दि जिसमें अनेक लोग मारे गए | क्रुद्ध जनता ने लुई को गद्यी छोड़कर इंगलैंड भागने को विवश कर दिया | 

9. इटली एवं जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की क्या भूमिका थी ?  

उत्तर – ऑस्ट्रिया इटली और जर्मनी के एकीकरण का विरोधी था | 

इटली – वेनेशिया और लिम्बर्डी पर ऑस्ट्रिया का अधिकार था | सेडोवा के युद्ध ( 1866 ) में ऑस्ट्रिया की पराजय के बाद उसका प्रभाव इटली पर से समाप्त हो गया | 

जर्मनी – जर्मनी ऑस्ट्रिया के अधीन शक्तिहीन संघ राज्य था | उत्तरी जर्मन महासंघ की स्तापना के बद जर्मनी से ऑस्ट्रिया का प्रभाव समाप्त हो गया | 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  

1. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव की विवेचना कीजिए | 

उत्तरकारण – राष्ट्रवाद का उदय 1789 की फ्रांसीसी क्रांति से माना जाता है | इसने यूरोप में निरंकुशावाद के विरुद्ध राष्ट्रीयता की भावना जागृत की | इसका प्रभाव अन्य यूरोपीय राष्ट्रों पर भी पड़ा | बाद में नेपोलियन ने अपनी विजयों एवं नीतियों से राष्ट्रवादी भावना को आगे बढाया | निपोलियन के आधिपत्य के विरुद्ध भी राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ |मेटरनिक की नीतियों ने भी राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाव दिया | 1830-48 के मध्य अनेक यूरोपीय देशो में क्रांतियाँ हुई जिसने राष्ट्रवाद का विकास किया | फलस्वरूप, यूनान का उदय, इटली एवं जर्मनी का एकीकरण हुआ | 

प्रभाव – 

  1. राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित क्रांतियाँ और आंदोलन हुए तथा नए राष्ट्रों का उदय हुआ | 
  2. उपनिवेशों में मुक्ति आंदोलन हुए | 
  3. भारतीय राष्ट्रवादी भी इससे प्रभवित हुए | 
  4. भारतीय धर्मसुधार आंदोलन के नेताओं पर भी राष्ट्रवादी भावना का प्रभाव पड़ा | 
  5. प्रतिक्रियावादी और निरंकुश शक्तियाँ कमजोर पड़ गई | 
  6. राष्ट्रवादी प्रवृत्ति ने साम्राज्यवादी प्रवृत्ति और संकीर्ण राष्ट्रवाद को भी जन्म दिया | 

2. यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन का संक्षिप्त विवरण दीजिए | 

उत्तर – 18वी. सदी में ऑटोमन साम्राज्य के अंतर्गत तुर्की की स्थिति कमजोर पद गई | इसका लाभ उठाकर राष्ट्रवादी शक्तियाँ सशक्त हो गई | इन्हें यूनान के बौध्दिक आंदोलन तथा गुप्त क्रांतिकारी संगठनों का साथ मिला | परिणामस्वरूप, 1821 में मोलदेविया में व्यापक विद्रोह हुआ जिसे कुचल दिया गया | मोरिया में दूसरा विद्रोह हुआ | तुर्की के सुलतान ने इस विद्रोह को धार्मिक स्वरूप देने का प्रयास किया | मिस्त्र के शासक पाशा महमत अली की सहायता से उसने क्रुरतापुर्वक विद्रोह का दमन किया | इससे पूरा यूरोप स्तब्ध हो गया | तुर्की के विरुद्ध ब्रिटेन, रूस और फ्रांस सयुक्त कार्रवाई के लिए तैयार हुए |रूस द्वारा पराजित होकर 1829 में तुर्की ने उसके साथ एड्रियानोपुल की संधि की | यूनानी राष्ट्रवादियों ने इस संधि को स्वीकार नहीं किया | फलत: 1832 में कुस्तुनतुनिया की संधि द्वारा स्वतंत्र यूनान का उदय हुआ | बवेरिया का राजकुमार ऑटो यूनान का शासक बना | 

3. इटली के एकीकरण में मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी के योगदानों का उल्लेख करें | 

उत्तर – इटली का एकीकरण मेजिनी, कवूर और गैरीबाल्डी के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप हुआ | 

मेजिनी – मिजिनी तरुणावस्था से ही गुप्त राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेता था | वह कर्बोनरी का सदस्य बन गया | 1831 में उसने ‘यंग इटली’ और 1834 में ‘यंग यूरोप’ नमक गुप्त क्रांतिकारी संगठन स्थापित किए | मेटरनिक के पतन ( 1848 ) के बाद वह इटली के एकीकरण के प्रयास में लग गया, परंतु विफल होकर वह इटली से चला गया | 

कावूर – राजा विक्टर इमैनुएल के मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उसने सार्डिनीय की आर्थिक और सैनिक स्थिति सुदृढ़ की | 1859 में फ्रांस के सहायता से ऑस्ट्रिया को पराजित कर कावूर ने लोम्बार्डी पर अधिकार कर लिया | मध्य इटली स्थित अनेक राज्यों को सार्दिनिया में मिला लिया गया | कावूर के प्रयासों से इटली के एकीकरण का महत्त्वपूर्ण चरण पूरा हुआ | 

गैरिबल्डी – अपनी ‘लाल कुर्ती’ और स्थानीय किसानों की सहायता से उसने 1860 में सिसली पर अधिकार कर लिया | बाद में उसने नेपल्स पर भी अधिकार कर लिया | इन्हें सार्डिनीय में मिला लिया गया | इस प्रकार, इटली के एकीकरण का द्वितीय चरण पूरा हुआ | 

4. जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें |  

उत्तर- जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की महत्वपूर्ण भूमिका थी |वह प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था | उसका मानना था की यह कार्य ‘रक्त और लौह’ की निति से ही संभव है | विलियम प्रथम के चांसलर के रूप में उसने सबसे पहले आर्थिक सुधार किए तथा प्रशा को सैनिक दृष्टि से सुदृढ़ किया | जर्मनी के एकीकरण के लिए उसने तीन युद्ध किए |

  1. डेनमार्क से युद्ध – शेल्शाविग और हॉल्सटीन के प्रश्न पर 1864 में प्रशा-डेनमार्क युद्ध हुआ | ऑस्ट्रिया की सहायता से डेनमार्क को पराजित कर बिस्मार्क ने शेल्शविग पर आधिकार कर लिया | हॉल्सटीन ऑस्ट्रिया को मिला | 
  2. सेडोवा का युद्ध – 1866 में हॉल्सटीन के प्रश्न पर ऑस्ट्रिया-प्रशा युद्ध हुआ | इसमें ऑस्ट्रिया पराजित हुआ | हॉल्सटीन प्रशा को मिल गया | जर्मन महासंघ भंग कर 22 उत्तरी जर्मन राज्यों का उत्तीय जर्मन महासंघ  बनाया गया |   
  3. सीडान का युद्ध –  1870 के इस युद्ध में फ्रांस को पराजित कर बिस्मार्क ने दक्षिणी राज्यों को उत्तरी जर्मन महासंघ में मिला लिया | इस प्रकार, जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ |  

 

 

 

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