लघु उत्तरीय प्रश्न
1. मौद्रिक प्रणाली क्या है ?
उत्तर – मौद्रिक प्रणाली वह है, जिसमें मुद्रा विनिमय के माध्यम का कार्य करती है तथा जिसमें सभी वस्तुओं एवं सेवाओं का विनिमय मुद्रा के माध्यम से होता है |
2. बचत क्या है ?
उत्तर – बचत आय का वह भाग है जिसका वर्तमान में उपभोग नहीं किया जाता है | उदहारण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का मासिक आय 20,0000 रुपये है जिसमें से यदि 15,0000 रुपये वह वस्तुओं एवं सेवाओं के उपभोग पर खर्च करता है तो शेष 5,0000 रुपये उसकी बचत है | सूत्र के रूप में कुल आय – उपभोग व्यय = बचत से सृजित पूँजी का निवेश उद्योग, व्यापार तथा अन्य उत्पादक क्रियाओं में किया जाता है |
3. साख क्या है ?
उत्तर – साख का संबंध विश्वास या भरोसा करने से है तथा इससे किसी व्यक्ति के ऋण लौटाने की क्षमता का बोध होता है |
4. “मुद्रा आधुनिक अर्थतंत्र की धुरी है |” विवेचना कीजिए |
उत्तर – हमरी अर्थव्यवस्था में मुद्रा का बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है | मुद्रा के प्रयोग से उपभोग, उत्पादन, विनिमय तथा राजस्व अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है | यह उपभोक्ताओं को अपनी सिमित आय के द्वारा अधिकतम संतोष प्राप्त करने में सहायता करती है | उत्पादकों को भी मुद्रा से अनेक लाभ हैं | मुद्रा के अभाव में बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव नहीं है | आज मुद्रा विनिमय का सर्वमान्य साधन है तथा इसके प्रयोग से वस्तुओं का मूल्य-निर्धारण एवं क्रय-विक्रय का कार्य अत्यंत सरल हो गया है | मुद्रा के रूप में सरकार को कर आदि लगाने में भी सुविधा होती है | इस प्रकार, मार्शल ने ठीक ही कहा है की मुद्रा वह धुरी या केंद्र है जिसके चरों ओर संपूर्ण अर्थविज्ञान घुमाता है |
5. साख क्या है ? साख के तीन प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर – शब्दकोश के अनुसार, साख का अर्थ विश्वास या भरोसा करना है | परंतु, साख शब्द का वह व्यापक अर्थ है | आर्थिक शब्दावली में जब हम किसी व्यक्ति या संस्था की साख का उल्लेख करते हैं तब इससे उसकी ईमानदारी तथा ऋण लौटने की क्षमता का बोध होता है | जिस व्यक्ति को आसानी से ऋण या उधार मिल जाता है, हम कहते हैं कि उसकी साख अच्छी है | इस प्रकार, साख के तीन मुख्य आधार हैं – साख का पहला एवं सबसे प्रमुख आधार विश्वास है, साख का दूसरा आधार ऋणी का चरित्र या उसकी ईमानदारी है तथा साख का तीसरा आधार ऋणी की ऋण लौटाने की क्षमता है | व्यवसायिक बैंकों द्वारा दिए गए ऋण को भी साख कहते हैं |
6. ए० टी० एम० क्या है ?
उत्तर – आधुनिक समय में नगरों में स्थित अधिकांश व्यवसायिक बैंक ए० टी० एम० ( automated teller machine, ATM ) की सुविधा प्रदान करने लगे हैं | ए० टी० एम० कार्ड से ग्राहक विशेष बैंकों द्वारा स्थापित स्वचालित मशीनों द्वारा किसी भी समय रूपया निकाल सकते हैं |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. मुद्रा से क्या तात्पर्य है ? मुद्रा के क्या कार्य हैं ?
उत्तर – मुद्रा वह वस्तु है जो विनिमय के ;माध्यम एवं मूल्य-मापन का कार्य करती है तथा जिसके रूप में धन या संपत्ति का संचय किया जाता है | एक आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यों का संपादन करती है | इसके मुख्य कार्य निम्नांकित हैं |
- विनिमय का माध्यम – वस्तु-विनिमय में अनेक कठिनाइयाँ और असुविधाएँ होती हैं | मुद्रा के प्रयोग से विनिमय का कार्य अत्यंत सरल हो जाता है | यह विनिमय के माध्यम का कार्य करती है |
- मूल्य को मापने का साधन – मुद्रा का दूसरा महत्त्वपूर्ण कार्य सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य को मापना है | मुद्रा मूल्य का मापक है | वस्तु-विनिमय प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न वस्तुओं के बीच विनियम का अनुपात निश्चित करना अत्यंत कठिन था | मुद्रा के प्रयोग से यह कठिनाई दूर हो गई है | आब प्रत्येक वस्तु का मूल्य मुद्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है | मुद्रा मूल्य को मापने में इकाई का कार्य करती है |
- मूल्य का संचय – अन्य वस्तुओं की अपेक्षा मुद्रा के रूप में मूल्य अथवा संपत्ति का संचय करना अधिक सरल है | वस्तुओं के रूप में संपत्ति का संचय असंभव-सा है, क्योंकि वस्तुएँ शीघ्र नष्ट हो जा सकती हैं | वस्तुओं का संचय करने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है तथा उनकी देखरेख में भी कठिनाई होती है | मूल्य अथवा धन के संचय के लिए मुद्रा अधिक उपयुक्त है |
- विलंबित भुगतान का मान – मुद्रा विलंबित भुगतान का बड़ा ही सुगम साधन है | वस्तुओं या सेवाओं के रूप में ऋण, अर्थात उधार लेने और देने का कार्य बहुत असुविधाजनक है | मुद्रा के प्रयोग से ऋण लेने और उसका भुगतान करने में बहुत आसानी हो गई है |